Make sweet bhaat (olia), khaja, churma, magad, salt pare, sugar pare, gram flour mill, pue, dumplings, rabri, bajra roti, puri, sabzi etc. a day before Sheetla Saptami. Soak moth, millet in Kulhad. None of these should be eaten before worship. For the worship of Goddess, such bread should be made which does not have any red colored signs. On the same day i.e. one day before Saptami, after making all the food at night on Chhath, clean the kitchen and worship it. Offer Roli, molly, flowers, clothes etc. and worship. The stove is not lit after this puja.
शीतला सप्तमी के एक दिन पहले मीठा भात (ओलिया), खाजा, चूरमा, मगद, नमक पारे, शक्कर पारे, बेसन चक्की, पुए, पकौड़ी,राबड़ी, बाजरे की रोटी, पूड़ी, सब्जी आदि बना लें। कुल्हड़ में मोठ, बाजरा भिगो दें। इनमें से कुछ भी पूजा से पहले नहीं खाना चाहिए। माता जी की पूजा के लिए ऐसी रोटी बनानी चाहिए जिनमे लाल रंग के सिकाई के निशान नहीं हों। इसी दिन यानि सप्तमी के एक दिन पहले छठ को रात को सारा भोजन बनाने के बाद रसोईघर की साफ सफाई करके पूजा करें। रोली, मौली, पुष्प, वस्त्र आदि अर्पित कर पूजा करें। इस पूजा के बाद चूल्हा नहीं जलाया जाता।
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